बिन्दु चक्र

बिन्दु चक्र मंत्र साधना

बिन्दु चक्र मंत्र Bindu Chakra Amrit Mantra बिंदु चक्र
बिंदु नोंक, बूँद : अम्रत :

बिन्दु चक्र सिर के शीर्ष भाग पर केशों के गुच्छे के नीचे स्थित है। बिन्दु चक्र के चित्र में २३ पंखुडिय़ों वाला कमल होता है। इसका प्रतीक चिह्न चन्द्रमा है, जो वनस्पति की वृद्धि का पोषक है। भगवान कृष्ण ने कहा है : ”मैं मकरंद कोष चंद्रमा होने के कारण सभी वनस्पतियों का पोषण करता हूं” (भगवद्गीता १५/१३)। इसके देवता भगवान शिव हैं, जिनके केशों में सदैव अर्धचन्द्र विद्यमान रहता है। मंत्र है शिवोहम्(शिव हूं मैं)। यह चक्र रंगविहीन और पारदर्शी है। बिन्दु चक्र स्वास्थ्य के लिए एक महत्त्वपूर्ण केन्द्र है, हमें स्वास्थ्य और मानसिक पुनर्लाभ प्राप्त करने की शक्ति प्रदान करता है। यह चक्र नेत्र दृष्टि को लाभ पहुंचाता है, भावनाओं को शांत करता है और आंतरिक सुव्यवस्था, स्पष्टता और संतुलन को बढ़ाता है। इस चक्र की सहायता से हम भूख और प्यास पर नियंत्रण रखने में सक्षम हो जाते हैं, और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक खाने की आदतों से दूर रहने की योग्यता प्राप्त कर लेते हैं। बिन्दु पर एकाग्रचित्तता से चिन्ता एवं हताशा और अत्याचार की भावना तथा हृदय दमन से भी छुटकारा मिलता है।
बिन्दु चक्र शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य, स्फूर्ति और यौवन प्रदान करता है, क्योंकि यह “अमरता का मधुरस” (अमृत) उत्पन्न करता है।

यह अमृतरस साधारण रूप से मणिपुर चक्र में गिरता है, जहां यह शरीर द्वारा पूरी तरह से उपयोग में लाए बिना ही जठराग्नि से जल जाता है। इसी कारण प्राचीन काल में ऋषियों ने इस मूल्यवान अमृतरस को संग्रह करने का उपाय सोचा और ज्ञात हुआ कि इस अमृतरस के प्रवाह को जिह्वा और विशुद्धि चक्र की सहायता से रोका जा सकता है। जिह्वा में सूक्ष्म ऊर्जा केन्द्र होते हैं, इनमें से हरेक का शरीर के अंग या क्षेत्र से संबंध होता है। उज्जाई प्राणायाम और गुप्त साधना किट द्वारा बिन्दु चक्र मंत्र योग विधियों से जिह्वा अमृतरस के प्रवाह को मोड़ देती है और इसे विशुद्धि चक्र में जमा कर देती है। एक होम्योपैथिक दवा की तरह सूक्ष्म ऊर्जा माध्यमों द्वारा यह संपूर्ण शरीर में पुन: वितरित कर दी जाती है, जहां इसका आरोग्यकारी प्रभाव दिखाई देने लगते हैं।

KUNDALINI CHAKRA ACTIVATION MANTRA HAWAN SERVICE

Kundalini Mantra Hawan 🔥 Ritual

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1/2 – Kundalini Mantra कुंडलिनी मंत्र साधना
3/4 – Root Muladhar Chakra मूलाधार चक्र मंत्र साधना
5/6 – SwadhiSadana Chakra स्वाधिष्ठान चक्र मंत्र साधना
7/8 – Manipur Chakra मनीपुर चक्र साधना
9/10 – Anahata Cure Heart Chakra Mantra अनाहत चक्र जागरण साधना
1- Vishudhi Throat Chakra Mantra विशुद्धि चक्र जागरण साधना
11/12 – Aghya -3rd Eye Chakra आज्ञा चक्र जागरण मंत्र साधना
13/14 Sahsrara Top of the head सहस्रार चक्र जागरण मंत्र साधना
15/16 – Bindu Chakra Amrit Mantra बिन्दु चक्र मंत्र साधना
17/18 – Lalna Chakra ललना चक्र जागरण मंत्र साधना
19/20 – Hrit Chakra Khachari खेचरी साधना
21/22 – AnadhaGandha Bliss गंगा मंत्र साधना सुष्मना

Bindu Chakra

Bindu

कुंडलिनी ही हमारे शरीर, भाव और विचार को प्रभावित करती है।
चक्रों के नाम :
मूलत: सात चक्र होते हैं:-

1- मूलाधार,

2- स्वाधीष्ठान,

3- मनीपूर,

4- अनाहता,

5- विशुद्धि,

6- आज्ञा चक्र साधना

7- सहस्रार

8- बिन्दु